हमीरपुर: हमीरपुर जिले में स्कूलों में 50 प्रतिशत के लगभग बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं. उपयुक्त खानपान ना होने की वजह से और फास्ट फूड के प्रचलन के कारण कम उम्र के लगभग 50 हजार बच्चे एनीमिया (anemia ) के शिकार हैं. खून की कमी को पूरा करने के लिए हमीरपुर में स्कूली स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बच्चों में विटामिन ए की दवाई देने के साथ एल्बेंडाजोल भी दी गई. (children suffering from anaemia)
खून की कमी का प्रमुख कारण: स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बच्चों में खून की कमी का प्रमुख कारण पेट में कीड़े होना भी है, जिसके मद्देनजर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के बाद मॉकअप राउंड भी आयोजित किया गया. जिला में एक साल से लेकर 19 वर्ष आयु के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाइयां दी गई.
हमीरपुर में स्कूली छात्रों की और 5 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 1 लाख 25 हजार है. इनमें से कम से कम 50 फीसदी बच्चे एनीमिया का शिकार हैं. 11 से अधिक उम्र के 30% लड़के और 50% से अधिक लड़कियां एनीमिया की शिकार हैं. हमीरपुर में 11 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियों में भी खून की कमी देखने को मिली है. ऐसे में हमीरपुर स्वास्थ्य विभाग के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चला रहा है. (children suffering from anemia)
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉक्टर आरके अग्निहोत्री ने बताया कि 21 नवंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर विभाग ने एक लाख 25 हजार बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई दी गई, जिसके उपरांत विभाग ने आज मंगलवार को मॉकअप राउंड के आयोजित किया, जिसमें 9 हजार बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई दी गई. उन्होंने बताया कि बच्चों में आई खून की कमी को दूर करने के लिए लगभग 25 हजार बच्चों को विटामिन ए की दवाई भी दी गई. उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा स्कूली छात्रों में खून की कमी को दूर करने के उद्देश्य से काम किया जा रहा है .